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I am an Indian. Every Indian should kill minimum one pakstani.हे प्रिये ऋतुराज मेरे, खुशियों ले आँगन में आना/
संध्या है शारदा नन्दिनी, दिसे है सुशील संग जाना//
मदनमोहन का मन मनोहर, अरविंद का वैभव पुराना/
रवीन्द्र की तो रात उजली, श्री हरिशंकर का स्वर्ग से मुस्कुराना//
संजय हैं शान्तिदूत,अजय का तो मस्त बाना/
विजय का विजयनाद, धनञ्जय का सबको रिझाना//
जनमेजय का जयकार करके ,थकत् नहीं अम्बर तारे/
आ चुके जय बंधु इतने,आने हैं कुछ और प्यारे//
बाधेंगे बंधन ये गठीले, प्रेममय चिर साज से/नयन उगलेंगे श्रद्धा सुमन, टपकेगा मधु अावाज से/////....
रचनाकार::-- संजय श्रीवास्तव